Tuesday, October 17, 2023

“टुकड़ा-टुकड़ा सच” कविता संग्रह समीक्षा —डॉ. अलका वर्मा / वास्तविकता से रुबरु कराती है यह काव्य संग्रह “टुकड़ा-टुकड़ा सच”


वास्तविकता से रुबरु कराती है यह काव्य संग्रह “टुकड़ा-टुकड़ा सच”
 —डॉ. अलका वर्मा

(पुस्तक समीक्षा)


वास्तविकता से रुबरु कराती है यह काव्य संग्रह

“टुकड़ा-टुकड़ा सच”


—डॉ. अलका वर्मा


“मनुष्य होना भाग्य है

कवि होना सौभाग्य”

     किसी ने कहा है और कितना सटिक कहा है। कविता क्या है? यह कहना कठिन है। किसी ने रसात्मक काव्य कहा है तो किसी ने कहा है—

“वियोगी होगा पहला कवि,

आह से उपजा होगा गान,

निकलकर आँखो से चुपचाप

बही होगी कविता अनजान।”

     इस संग्रह में एक से एक हीरे मोती और माणिक भरे हैं। बहुआयामी व्यक्तित्व के मालिक, महाकाव्य “द्वापर गाथा”, खंडकाव्य “अँगूठा बोलता है” जैसे पुस्तकों के रचयिता महाकवि ध्रुव नारायण सिंह राई साहित्य के हर विधा में अपनी लेखनी चलाई है। इनकी रचनाएँ जहाँ दिल को सुकून प्रदान करती है वही कुछ सोचने को विवश करती है। अंदर से सोए मानव को उत्प्रेरित करता है। सच को सच कहने से डरते नहीं थे। “टुकड़ा-चुकड़ा सच” 145 कविता का अमूल्य संग्रह है। जिसमें समाज की हर समस्या की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। कवि के अनुसार सत्य वचन जोखम भरा धंधा है—

“यह तथ्य

एक सगुण सत्य

स्वार्थ–संचालित नर

विवेकहीन, अंधा है

सत्यभाषण इस युग में

ज़ोखम भरा धंधा है”

शीर्षक-जोख़म

     टुकड़ा-टुकड़ा सच महाभारत के पात्रों का पुनः संग्रहण करने का प्रयास किया गया है। इस संग्रह में कवि जाति, कुल, गोत्र की चर्चा ‘पात्रता‘ कविता में करता है—

“पूछते

कुल-गोत्र

जाति-नाम

पात्रता का

प्रतिभा का

आर्यत्व का

आचार्य कृप—

तुम कौन

भीष्म, विदुर, द्रोण

सब के सब मौन

मौन

संपूर्ण कुरु सभा”

शीर्षक-पात्रता

     कवि आशावादी है, उसे पूर्ण विश्वास है जागृति आएगी। आजादी कविता में कहता है-

“ऐसा सोच जगेगा

जी हाँ

ज़रुर जगेगा

पृथ्वी पर उगेगा

समता का बिरवा

संपूर्ण सूबा बनेगा

सजग संवेदी पहरुआ

शासक चाकर

सत्ता सबकी दासी

दिन होली, रात दीवाली

उबरेगी नहीं उदासी

जमकर जंग चलेगी

जमकर भंग छनेगी

लड़ते-लड़ते निश्चय ही

मिलकर रहेगी आज़ादी”

शीर्षक-आज़ादी

     अभाव में भी जीकर कवि संतुष्ट रहने की प्रेरणा देता है-

“पाप

पीड़-प्रदायक

पुण्य

सुखदायक

वस्त्रविहीन, बुभुक्षित

अस्वस्थ, अशिक्षित

लांक्षित, पददलित होकर भी

संतुष्ट रहना

सर्व धर्म-सार है

लोक व्यवहार है”

शीर्षक-सार

     कवि खिन्न है। युद्ध में ब्रह्मास्त्र का प्रयोग तो करते हैं परन्तु संसार को खुश रखने के लिए लोग अपना शौर्य प्रदर्शन क्यों नहीं किया करते है। कवि कहता है-

“क्यों

नहीं छोड़ा

कभी किसी ने

युग व्याधियों पर

ब्रह्मास्त्र

क्यों नहीं किया

कभी किसी ने

शौर्य प्रदर्शन

जन-भीरुता-उनमूलन”

शीर्षक- प्रश्न-1

सच्चाई शीर्षक कविता में कवि एक कटू सत्य की ओर इंगित करता है-

“अमुक

अमुक की औरत

यह बात सही है

मगर

अमुक अमुक का आत्मज

यह निर्विवाद नहीं है”

शीर्षक-सच्चाई

     परिस्थितिवश मनुष्य बदलता रहता है। कवि के शब्दों में-

“परिस्थितियाँ

बदलती हैं

बदलता

आदमी

परिवर्तित

उनके वर्ग

और स्वार्थ”

शीर्षक-परिस्थिति

     कवि मनुष्य को गिरगिट का दर्जा देते हुए कहता है-

“मानव

स्वार्थपुतला

पल-पल रंग बदलता

कभी भूख देह की

कभी चाह गंध की

कभी प्यास प्रेम की

कभी आग पेट की

कभी शासन की कांक्षा

कभी श्रेष्ठत्व की वांछा

व्याप्त अतृप्ति बड़ी

परिशमन हित

महासंग्राम भी अभीष्ट”

शीर्षक-गिरगिट

     कवि महाभारत के पात्र की उपमा देकर आज के प्रजातंत्र की धज्जियाँ उड़ाते हुए कहता है-

“राष्ट्र”

अंधा है

पट्टी बंधी

गांधारी के

प्रजा प्रशांत

भोलीभाली

अवलोक नहीं सकती

अनुभव अक्षि से

शीर्षक-अवलोकन

     सत्य सदा ही संत्रस्त रहा है असत्य अपना परचम दाँव-पेंच चलाता रहा है। कवि के शब्दों में-

“सत्य संत्रस्त

असत्य दहाड़ता है

अन्याय न्यायस्कंधारूढ़

बेशर्म प्रहारता है

द्विधाग्रस्त धर्म

करता कुपथगमन

सदा सुजनता-मेमना

निरीह निरवलंब रिरियाता है”

शीर्षक-विडंबना

     महाकवि धर्म को साधारण आदमी के लिए हौवा मानते हैं। कवि के शब्दों में-

“जन सामान्य

भेड़-बकरी

कहीं यह कटे

तो कहीं वह चढ़े

क्या फ़र्क़ पड़ा है

पुष्ट होता

सोऽहं भाव

किसी का व्यक्तिगत स्वार्थ

महाराजा को अपनी ही चिंता है

और

अबोध आदमी के लिए

धर्म महज़ एक हौआ है”

शीर्षक-हौआ

     महाकवि श्रमिक वर्ग व किसानों के साथ हो रहे शोषण से दुखी है। सरल शब्दों में उनकी बेबसी को उकेरते हैं। कवि के शब्दों में-

“आह न भरते

पीसा जाकर

ज़िंदा रहते

आँसू पीकर

प्रवाहित शोणित

श्रमसीकर

काया पर

पैवंदी बस्तर

सिर पर

सदा आसमानी छप्पर

ग्रीष्म-ताप में तपकर

पावस-पानी में चलकर

खेत-खदान की दलदल में धँसकर

शिशिर बीताते

ठिठुर-ठिठुरकर”

शीर्षक-बेवशी

     इतना हीं नहीं कवि कहता है कि इन्किलाब लाने के लिए एक जुट होने की आवश्यकत्ता है। हँसूआ, खुरपा, कुदाल और स्याही, कलम, किताब जब संग-संग नहीं चलेंगे तबतक इन्किलाब नहीं हो सकता। कवि के शब्दों में-

“हँसुआ, खुरपा, कुदाल

स्याही, क़लम, किताब

मिल साथ जगेंगे

आयेगा

इन्क़िलाब

तनकर झोपड़ी झाँकेगी

मुक्ताकाश विशाल

सूरज होगा सबके हित

पावस दूर करे अकाल

सबके घर ख़ुशहाली

नहीं कोई बेहाल”

शीर्षक-इन्क़िलाब

     “टुकड़ा-टुकड़ा सच” छोटी-छोटी कविता का संग्रह है। कवि का एक एक शब्द सार्थक है। कम शब्दों की कविता और इतनी संवेदनशील यह राई जी की कलम की उपज है जो छंदमुक्त होते हुए भी मन को भाती है। पाठकवृन्द इस पुस्तक को पढ़कर निराश नहीं होंगे । यह एक पठनीय पुस्तक है। इन कविताओं में कृषक शोषण, राजाका अहम, दलितों का उत्पीड़न, नारी की स्थिति, धर्म का विधान, जनता जनार्दन पर राजनेताओं की मनमानी, कर्म की महत्ता के सभी विचारणीय बिन्दु पर दृष्टिपात किया गया है। यह सारे सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक मुद्दे हर युग में एक से ही रहते हैं। वर्चस्व की लड़ाई चलती रही है और चलती रहेगी।

     इस पुस्तक के लेखन के लिए महाकवि राई जी को समाज की स्थिति को अवलोकित करने एवं शोषित वर्गों में चेतना जगाने में अपूर्व सफलता मिली है।




पुस्तक का नाम- “टुकड़ा-टुकड़ा सच” कविता संग्रह

रचनाकार का नाम- ध्रुव नारायण सिंह राई

प्रथम संस्करण- 2022 स्वराज प्रकाशन,

दरियागंज, दिल्ली

मूल्य- 185/-



समीक्षक डॉ. अलका वर्मा

त्रिवेणीगंज, जिला- सुपौल,

बिहार, 852139

मो. — 7631307900

___________________


Dr. Alka Verma YouTube Video मुझे मेरे नाम से पुकारो






द्वितीय संस्करण
डॉ. अलका वर्मा
मुझे मेरे नाम से पुकारो



Tap to read more blog 👇






परिचय डॉ. अलका वर्मा

नाम: डॉ अलका वर्मा 
पिता :स्व० रामेश्वर प्रसाद
माता : श्रीमती बसंती देवी
पितामह: राजवंशी सहाय,बनौली, दरभंगा 
पति :स्व अनिल कुमार श्रीवास्तव
महथावा बाजार, अररिया 
जन्मस्थान पिपरा बाजार ,सुपौल,
बिहार
जन्म तिथि:12/11/1959
शिक्षा: एम०ए०(द्वय) बी०एड,पी०एच०डी०
संगीत प्रभाकर, उर्दू अधिगम प्रशिक्षण कौर्स(उर्दू निदेशालय द्वारा),विधावाचस्पति की मानद उपाधि,
विद्यासागर की मानद उपाधि 
प्रकाशित-राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में कविता,आलेख गजल, लघुकथा,कहानी, संस्मरण आदि
जैसे नई धारा, राजभाषा,सरिता, हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण,आज, आर्यावर्त ,तर्पण, दस्तक,लोकगंगा,संवदिया,परतीपलार,
आत्मदृष्टि,क्षणदा,जनतरंग,जन आकांक्षा,सुसंभाव्य,प्राच्य प्रभा, स्वाधीनता संदेश,सीमांचल उदय, साहित्यवैभव,सृजनोमुख,कौशिकी ,
स्पर्श, राइजिंग बिहार, जिज्ञासा संसार, पद्मनाभ,किरण दूत,कविता कोश, वसुन्धरा,किरण दृष्टि, कौस्तुभ,भाषासहोदरी,तरूणोदय,बसंत(मारीशस),(हिन्दी)
मिथिला मिहिर,बालबटुक,सखी बहिनपा,बटुक(मैथिली)
सांझा संकलन : कोशी अंचल की लघुकथाएं,आखर के नये घराने,आलोक एवं आलोक की कविताएं, समकालीन हिंदी कविता, गंगा की रानी,गुलाबी गलियां,भाग ले, एहसास 
संरक्षक पद्मनाभ साहित्य मंच,तरूणोदय पत्रिका, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन,पटना,आखिल भारतीय साहित्यिक मंच, खगड़िया 
आजीवन सदस्य:छंदशाला,सामयिक
परिवेश, रेडक्रास सोसायटी सुपौल,
संवदिया पत्रिका ,अररिया

 प्रकाशित पुस्तक:
1 'मुझे मेरे नाम से पुकारो(काव्य संग्रह पुरस्कृत)
2 कहीं अनकही (लघुकथा संग्रह, पुरस्कृत)
3गुलमोहर (कहानी संग्रह) पुरस्कृत 
4 'आओ बच्चों देखो फूल(बाल कविता संग्रह पुरस्कृत)
5 कुछ तेरी कुछ मेरी बात (काव्य संग्रह) हिन्दी में 
6 दर्द गहराता बहुत है(ग़ज़ल संग्रह)
7 /एक टीस(कहानी संग्रह)
8 एक मुट्ठी इजोर(कथा संग्रह पुरस्कृत) 
9 समकालीन मैथिली कविता में प्रगति वादीचेतना(आलोचना) मैथिली में, आदि प्रकाशित पुस्तकें हैं। 
प्रेस में 
1 कुछ तीखी कुछ मीठी (लघुकथा संग्रह )
2 अतीत के झरोखे से (संस्मरण संग्रह)
3 मैथिली कविता संग्रह    
साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक    संस्थाओं से भी संबद्ध है।
2008में कोशी क्षेत्र में आई बाढ़ में कार्य करने पर मारवाड़ी युवा मंच द्वारा सम्मानित 

8 बर्ष तक शिक्षा दान
शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु मुख्य मंत्री द्वारा राजकीय पुरस्कार से सम्मानित एवं पुरस्कृत 

प्रसारण :
आकाशवाणी 'शतदल' में काव्यपाठ, लघुकथा पाठ,कथा पाठ
  दूरदर्शन 'साहित्यिक 'में मंच संचालन
और काव्यपाठ
'खुला आकाश'में वार्ता 

        अनेक सम्मानों से सम्मानित 
राजकीय शिक्षक पुरस्कार 
1 विधासागर की मानद उपाधि (बिक्रमशिला विद्यापीठ)2023
2 सहोदरी सम्मान, अंतरराष्ट्रीय हिंदी
सम्मेलन , महात्मा गांधी संस्थान,मारीशस2023
3 हिन्दी रत्न(बिक्रमशिला विद्यापीठ)2023
4 कबीर कोहिनूर पुरस्कार,नागौर, राजस्थान 2023
5 नेपाल भारत साहित्य महोत्सव में सम्मानित (नेपाल)2023
6 भारत रत्न डॉ अम्बेडकर कीर्ति रत्न 
सम्मान,जायल राजस्थान,,2023
7 राष्ट्रकवि दिनकर सारस्वत सम्मान(राष्ट्रकवि दिनकर अकादमी, मुजफ्फरपुर)2023
8 नारी सशक्तिकरण के लिए प्रशासन से सम्मानित 2023
9 लघुकथा पाठ महारथी सम्मान, सामयिक परिवेश द्वारा 2023
10 कोशी साहित्य शोर्य सम्मान (स्वर्ण सम्मान)अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच खगड़िया 2023
11 साहित्य सेवा सम्मान, गोरखपुर 2023
12 निर्मल मिलिंद बाल साहित्य शिखर सम्मान, हिन्दी बाल साहित्य शोध संस्थान,बनौली, दरभंगा 2023
13 शिक्षा मार्तण्ड सम्मान, डॉ राजेन्द्र प्रसाद कला एवं युवा विकास समिति
समस्तीपुर 
14 निर्मल इंडिया न्यूज़ द्वारा तिरहुत अमृत महोत्सव में सम्मानित 2023
15 साहित्य गौरव सम्मान (जिज्ञासा संसार और गोस्वामी जागरण मंच)2023
16 स्नेह शंभू अगेही शिखर सम्मान, हिन्दी समाहार मंच, दरभंगा 2023
17 ओजस्विनी नारी सम्मान 2023
18 विश्व हिन्दी साहित्य रत्न सम्मान 2023
19 पद्भनाभ नारी शक्ति सम्मान 2023
20 साहित्य सेवी‌ रत्न सम्मान 2022(थावे विद्यापीठ द्वारा उड़ीसा में)
21 भारत गौरव की उपाधि (बिक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ ,गांधीनगर)2022
22 पद्मनाभ पर्यावरण संरक्षक सम्मान
                 2022
23 डॉ हरिवंशराय बच्चन स्मृति सम्मान           
                 2022
24 अन्तराष्ट्रीय बसवा जयंती,नेपाल में सम्मानित 2022
25 सामयिकपरिवेश रत्न सम्मान 2022
26 आदि शक्ति प्रेम नाथ खन्ना            नाट्योत्सव में सम्मानित2022
27 सामयिक परिवेश रत्न सम्मान (लघुकथा के लिए)2022
28 मां मालती देवी स्मृति सम्मान 2022
29 पद्भनाभ रंगोत्सव सम्मान 2022
30 समाज सेवा रत्न सम्मान, जिज्ञासा संसार 2022
31 साहित्यक गौरव सम्मान ,बुलंदी साहित्य संस्थान 2022
32 पद्मनाभ हिन्दी गौरव सम्मान 2022
33 SM न्यूज द्वारा प्रतिभा सम्मान से सम्मानित 2022
34 पद्भनाभ साहित्य साधक सम्मान से सम्मानित 2022
35 कथा साहित्य गौरव सम्मान (कही अनकही)से सम्मानित 2022
36 एम बी एकेडमी द्वारा सम्मानित 2022
37 अंग रत्न सम्मान (अखिल भारतीय साहित्य परिषद, भागलपुर)2022
38 राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा अयोध्या में सम्मानित 2022
39 चतुवेर्दी प्रतिभा मिश्र साहित्य साधना सम्मान (बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन,पटना)2022
40 सहभागिता सम्मान (बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन,पटना)2022
41 श्री केशव स्मृति सम्मान 2022
42 दिनकर सम्मान202 1 (बिहारशरीफ)
43 राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा सम्मानित 2021
44 किरण दृष्टि द्वारा सम्मानित 2021
45 अष्ठाना कला मंच द्वारा सम्मानित 
46 गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति (स्वायत निकाय सांस्कृतिक मंत्रालय) द्वारा सहभागिता प्रमाण पत्र2021
47 विधावाचस्पति सारस्वत सम्मान (बिक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर)20 21
48 युवा साहित्यकार सम्मान  2021 (बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन,पटना)
49 पद्मनाभ सृजन सम्मान 2021
50 भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन द्वारा
सम्मानित 2021
51 लेख्यमंजूषा द्वारा सम्मान 2020
52 देवशील मेमोरियल द्वारा सम्मानित                  2020
53 काव्य गौरव सम्मान, स्पर्श भारती द्वारा 2020
54 साहित्य गौरव सम्मान,अष्ठाना कला मंच द्वारा 2020
55 हरिमोहन झा राष्ट्रीय शिखर सम्मान2019
56 भारतीयसाहित्यसम्मान2019,
57 जानकी बल्लभ शास्त्री स्मृति सम्मान 2019
58 राष्ट्रीयकवि संगम द्वारा सम्मानित 2019
59 नये पल्लव सम्मान2019
60 सहभागिता सम्मान (मैथिली लेखक संघ )2019
61 राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा बेगुसराय
में सम्मानित 2019
62 सुभद्रा कुमारी चौहान राष्ट्रीय शिखर साहित्य सम्मान2018
63 आरसी प्रसाद सिंह रजत स्मृति,2018
64 ओम शांति द्वारा सम्मान2018
65 शिवानी राष्ट्रीय निखर सम्मान2018
66 जन संस्कृति सम्मान 2018
67 हरिवंश नारायण बच्चन स्मृति सम्मान2018
68 विद्या नारायण स्मृति सम्मान 2018
69 श्री कपिल मुनि सिंह अंग विभूति सम्मान 2018
70 काव्य भूषण, 2018
71 राजकीय शिक्षक सम्मान एवं पुरस्कार मुख्यमंत्री द्वारा 2018
72 मथुरा प्रसाद स्मृति सम्मान2017
73 लोक सेवा सम्मान2017
74 कवि अमोघ स्मृति सम्मान 2017
75 काव्य भूषण सम्मान,2017
76 कोशिकी रत्न सम्मान 2017
77 नारी सशक्तिकरण हेतु जिला प्रशासन से सम्मानित  2016
78 जन साहित्य सेवा सम्मान, 2014
79 नागार्जुन सम्मान एवं साहित्य अलंकरण,2014
80 काव्य गौरव सम्मान 2014
81 रहीम सम्मान एवं साहित्य अलंकरण2014
82 तुलसीदास सम्मान एंव साहित्य अलंकरण 2012
83 शांति मैत्री सम्मान2010
84 बाढ़ में किए गए कार्य के लिए
मारवाड़ी युवा मंच द्वारा सम्मानित 2008
85 सद्भावना   शिक्षक पुरस्कार
 
डॉ अलका वर्मा
 पूर्व प्राचार्य 
त्रिवेणीगंज ,सुपौल 852139
बिहार
मो 7631307900
ई मेलdralka59@gmail.com
___________________________



No comments:

Post a Comment

“टुकड़ा-टुकड़ा सच” कविता संग्रह समीक्षा —डॉ. अलका वर्मा / वास्तविकता से रुबरु कराती है यह काव्य संग्रह “टुकड़ा-टुकड़ा सच”

वास्तविकता से रुबरु कराती है यह काव्य संग्रह “टुकड़ा-टुकड़ा सच”  —डॉ. अलका वर्मा (पुस्तक समीक्षा) वास्तविकता से रुबरु कराती है यह काव्य संग...