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Monday, February 28, 2022

ध्रुव नारायण सिंह राई की ग़ज़ल (ये हसीं हँसी गर मिली है मुझको)


ग़ज़ल सम्राट ध्रुव नारायण सिंह राई

ये हसीं हँसी गर मिली है मुझको 

 

ये हसीं हँसी गर मिली है मुझको

सब तेरी मेहरबानी है समझो

 

वर्ना कौन होता मेरे ग़म का क़द्रदाँ

सबकी अपनी परीशानी है समझो

 

जहाँ रिश्ता टिका हो लेन-देन पर

वह रिश्ता भी कैसा इंसानी समझो

 

बेक़रार दिल कुछ कहे भी तो क्या

रोना-धोना कितना बेमानी समझो

 

बदल बदल रही बराबर फ़जा

इक उम्मीद पे फिरता पानी समझो


ग़ज़ल सम्राट ध्रुव नारायण सिंह राई की ग़जल का युटुब लिंक 

Sunday, February 27, 2022

ध्रुव नारायण सिंह राई की ग़ज़ल (सफ़र-ए-ज़िंदगी)


       सफ़र-ए-ज़िंदगी

                              (ग़ज़ल)
 

तय करना है साथ-साथ सफ़र-ए-ज़िंदगी

मुश्किलों में भी लगे सुहाना सफ़र-ए-ज़िंदगी

 

मुझको होगा दर्द, अगर तुमको काँटे चुभे

देह दो और जाँ एक होगी सफ़र-ए-ज़िंदगी

 

चलते-चलते थकी तो थाम लूँगा हाथ तेरा

ख़ुशी-ख़ुशी तय हो जायेगा सफ़र-ए-ज़िंदगी

 

हम होंगे न गुमराह चाहे जैसा हो ज़माना

ऐसा अर्मान-ए-इश्क़ मेरा सफ़र-ए-ज़िंदगी

 

चाहे जो भी हो जाये मुहब्बत कम नहीं होगी

हमेशा रहेगा ख़ुशनुमा सफ़र-ए-ज़िंदगी


ग़ज़ल सम्राट ध्रुव नारायण सिंह राई











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ध्रुव नारायण सिंह राई की ग़ज़ल (ये हसीं हँसी गर मिली है मुझको)

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ग़ज़ल सम्राट ध्रुव नारायण सिंह राई की ग़ज़ल सफ़र-ए-ज़िंदगी का युटुब वीडियो 




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