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Tuesday, April 12, 2022

ध्रुव नारायण सिंह राई की ग़ज़ल - कभी ना सर झुकाया मुश्किलों के सामने

 

ध्रुव नारायण सिंह राई

 

कभी ना सर झुकाया मुश्किलों के सामने

दिल खोल मुस्कुराया मुश्किलों के सामने

 

दुश्मन आते रहे दोस्त दूर जाते रहे

यूँ मैं देखता रहा मुश्किलों के सामने

 

कभी तन्हा रातें कभी तेज दोपहरी

मैं फिर भी मस्त रहा मुश्किलों के सामने

 

वक़्त की ये नज़ाकत नाज़ुक मेरी हालत

मैं हर हाल में खड़ा मुश्किलों के सामने

 

बेवसी ऐसी रही कि तंग ज़िंदगी रही

बेवस न राई रहा मुश्किलों के सामने 

                                                                                            ग़ज़ल सम्राट ध्रुव नारायण सिंह राई


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ध्रुव नारायण सिंह राई




Monday, February 21, 2022

ध्रुव नारायण सिंह राई की ग़ज़ल (देखकर भी नज़र चुराना)


ग़ज़ल सम्राट ध्रुव नारायण सिंह राई


                      
देखकर भी नज़र चुराना

 

देखकर भी नज़र चुराना कोई तुमसे सीखे

कैसे बनता हसीन बहाना कोई तुमसे सीखे

 

चलते-चलते बिछड़ गये तो मैं दूँगा सदा

कैसे कोई चुप रहता है कोई तुमसे सीखे

 

ज़िंदगी दो दिनों की हँसकर गुजर जाए

मैं क्या जानूँ यूँ रूठना भी कोई तुमसे सीखे

 

क्या मिलेगा रूठकर ऐसे रूठना ही बेमानी

रूठना और फिर मनाना कोई तुमसे सीखे

 

आशिक़ हैराईहमेशा आशिक़ ही रहेगा

दिल-दुखाना यूँ किसी का कोई तुमसे सीखे



ग़ज़ल सम्राट ध्रुव नारायण सिंह राई द्वारा रचित ग़ज़ल देखकर भी नज़र चुराना यु टुब चैनल लिंक

विनीता राई की युटुब पर विनीता द्वारा ग़ज़ल सम्राट ध्रुव नारायण सिंह राई जी के गजल का वाचन



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