ग़ज़ल सम्राट ध्रुव नारायण सिंह राई |
देखकर भी नज़र चुराना कोई तुमसे सीखे
कैसे बनता हसीन बहाना कोई तुमसे सीखे
चलते-चलते
बिछड़ गये तो मैं दूँगा सदा
कैसे कोई चुप रहता है कोई तुमसे सीखे
ज़िंदगी दो दिनों की हँसकर गुजर जाए
मैं क्या जानूँ यूँ रूठना भी कोई तुमसे
सीखे
क्या मिलेगा रूठकर ऐसे रूठना ही बेमानी
रूठना और फिर मनाना कोई तुमसे सीखे
आशिक़ है ‘राई’ हमेशा आशिक़ ही रहेगा
दिल-दुखाना
यूँ किसी का कोई तुमसे सीखे
ग़ज़ल सम्राट ध्रुव नारायण सिंह राई द्वारा रचित ग़ज़ल देखकर भी नज़र चुराना यु टुब चैनल लिंक
विनीता राई की युटुब पर विनीता द्वारा ग़ज़ल सम्राट ध्रुव नारायण सिंह राई जी के गजल का वाचन